Monday, April 15, 2024

रिश्तों का सपना (Rishton ka sapna)


               
Rishton ka sapna
Rishton ka sapna
Image from: pexels.com 


रिश्ते नाते जो भी हों..
अपने अपने से लगे..
संकंट में साथ छोड़ दें अपना..
ऐसे रिश्तों का फिर..
सुख में क्यों देखना सपना..

जब रोज रोज के कष्टों से..
टूट चुका हो तन मन..
तब  मिले सुखों का अम्बर..
तो जीवन लगता आडंबर..

जब वर्षा के इंतज़ार में..
किसान हो हताश और..
और फसल सूख बन बिखरे..
तिनका तिनका ..
तब हो रिमझिम वर्षा..
तो फ़ायदा है किनका..

छोटी छोटी खुशियो के लिये..
जब तरसा हो मन हर क्षण..
फिर किसी भी खुशी का आना.. 
है चित को बहलाने का बहाना ..

दिन रात हो रहे अपमानित..
जीने का ना रहा हो चित..
फिर मिले मान सम्मान का..
क्या रह जाता है औचित्य..

धन्य धान्य से हो संपन्न..
पर रोगों से काया हो छिन्न भिन्न..
ऐसी धन्य संपन्नता से..
मन हो जाता खिन्न ..

ईश्वर ऐसा वर दीजिये..
सब कुछ मिले अनुपात में..
सही समय पर हाथ में..
सभी रिश्ते नाते हो अपने..
हमें उनके और उन्हे हमारे..
निःस्वार्थ आते हो सपने..

सारे जगत को खुशियो से..
भर दीजिये..
सबका हिस्सा बराबर..
सबको दीजिये..
कहीं ना हो तडफ तिरस्कार..
सब हंसी खुशी रहे परिवार..
ऐसा हो प्रभु आपका संसार..!!

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कविता की विवेचना:

रिश्तों का सपना/Rishton ka sapna कविता आज के दुनियावी सत्य पर आधारित है, हर कोई अकेला किसी और दौड रहा है, अपनी मंजिल की ओर, किसकी मंजिल क्या है,दूसरे को पता नहीं. 

एक निर्धारित समय के बात मिली मंजिल खुशी किसी काम की नहीं, जैसे फसल सूख जाने के बाद वर्षा किसी किसान के काम की नहीं, जैसे दुःख में साथ छोड़ चुके रिश्ते सुख में किसी काम के नहीं. 

वैसे तो इंसान इस पृथ्वी पर अकेला ही आया है और उसे अकेले ही वापस जाना है, तब भी कुदरत ने कुछ 
रिश्ते बनाये हैं, इन्हें निभाना ना अनिवार्य है ना जरूरी है. 

मगर इंसान को कुदरत ने दिल दिमाग एहसास दिया है, 
कहीं ये रिश्ते निभाये भी जाते हैं और कहीं नहीं भी. 
निभाये तो स्वर्ग सा एहसास जीवन जिया जाता है. वर्ना एक ख़ामोशी और जीवन की सांसें चलती रहती हैं, ख़ामोश सी और जिन्दगी का दिया बिना अपनी लो बिखराये बुझ जाता है एक दिन. 

"रिश्तों का सपना "काश होता मेरा अपना, सपना भी तो मेरा ना था कभी सपने में रिश्ते मिलते थे जैसे अजनबी. कभी तो कुछ बोलेंगे मेरे जीते जी, वर्ना मौत की ख़ामोशी तो है ही. 

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Saturday, January 27, 2024

भगवान का पता (Bhagwan ka pata)

                      
Bhagwan ka pata
Bhagwan ka pata
Image from:Pexels.com 


सावन की हर घटा ..
बताती है ईश्वर का पता..
प्यार से सराबोर..
चल चले कहीं और..
जहाँ ना हो शोर..
ढूँढे दिल का ठौर..

कभी सच्चे..
दिल की तलाश..
कभी भगवान से..
बहुत सी आस..
कभी जिन्दगी लगे..
निरी बकवास..

हे प्रभु आपकी..
सत्र साया में..
मैं भी आया हूँ..
बहुत सी उम्मीदे..
लाया हूँ..
आपके पैमाने पर..
खरा उतरूगा ..
तभी आपके चरणों में..
चिर काल रूकुंगा ..

याद कर..
अपने आराध्य को..
जिन्दगी साध लो..
वो यही कहीं..
तुम्हारे आस पास है..
फिर भी..
दिल क्यों..
रहता उदास है..

जीवन जीने का..
यह एक मौका..
क्यों लगता है..
एक अजीब धोखा..
प्रभु, आपने बनाया मुझे..
भेजा किस काम से..
कुछ भी क्यों..
याद आता नहीं..
प्रभु आपसे किया वादा..

ये कैसा माया जाल है..
जिन्दगी बेहाल है..
ऐसा जीवन क्यों..
इसी का मलाल है..
प्रभु, ये तेरी धरती..
ये गगन, चांद सितारे..
और भी अनगिनत..
सृष्टि के नजारे..
लगते हैं बहुत प्यारे..

प्रभु, तू है मेरे..
दिल में रसा बसा..
तब भी मुझे..
कभी चला ना पता..
अजीब अनहोनी है..
प्रभु, आपने..
जैसी लिखी..
मेरी जिन्दगी..
वैसी होनी है..

प्रभु, और ना लें..
परीक्षा..
और ना तडफा..
अपने चरणों में..
ले मुझे बसा..
आपसे दूरी..
अब सहन नहीं..
तुरंत ले..
अपने पास बुला..
तुम हो जहां कहीं..!!

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कविता की विवेचना:

भगवान का पता/Bhagwan ka pta कविता प्रभु के पते की खोज में लिखी है, कौन सा मंदिर, स्वर्ग, आकाश, पताल जहाँ मेरे प्रभु रहते हैं. 

कण कण में भगवान लोग कहते हैं, दिव्य दृष्टी वाले को ही नज़र आते हैं, प्रभु हमें भी दर्शन दो, दिव्य दृष्टि या कोई कृपा करो. 

कोई कहता हर दिल हर जीव में है वास उनका,  तो मेरा दिल मुझे क्यों नहीं बताता, सूरज चांद सितारे प्रकृती के अद्भुत नजारे अह्सास तो कराते हैं तुम्हारे हर जगह मौजूद होने का. 

पर तब भी हम तुम्हें ढूंढ़ते हुये मंदिर मंदिर जाते हैं, तुम्हारी प्रतिमा देख ही संतुष्ट हो जाते हैं, वही तुम्हें भोग लगाते हैं. 

कुछ लोग तुम्हें बुलाने को जोर जोर से चिल्लाते हैं, और घमंड में आते हैं कि तुम सिर्फ उनके हो, तेरे नाम पर दूसरों को मौत के घाट सुलाते हैं.

"भगवान का पता "मरने के बाद ही पता चलता है कि यह कितना आसान था, भगवान हमारे साथ सदा मौजूद थे और हम रहे मृग मरीचिका में फंसे. 

अब भगवान का पता जान लो अपने अंदर के एहसास को भगवान मान लो, भगवान बिना एक पल भी कोई जिंदा नहीं रह सकता हर जीव में छिपा है भगवान का पता. 

...इति...

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Friday, January 5, 2024

गुरुवाणी (Guruwani)

                      
Guruwani
Guruwani
Image from: pexels.com 


गुरुवाणी है..
ईश्वर की आराधना..
पाठ गुरुवाणी का है..
एक साधना..
ध्यान करो..
ईश्वर जरूर सुनेगा..
तुम्हें अपने..
प्रिय भक्तों में चुनेगा..

बन गुरु का चेला..
भगत बन अलबेला..
गुरु ही..
ईश्वर दर्शन का..
रास्ता दिखाता है..
गुरूमत ..
ईश्वर को कैसे पाना..
हमे सिखाता है..

मौज मस्ती में..
अब तक जीवन बिता..
उम्र बीत गई सारी..
लग गई शरीर को..
कोई ना कोई बिमारी..
अब भी समय है बाकी..
करो ईश्वर की साधना..
अपने परलोक सुधारने की..
करो आराधना..

एक ही दिशा..
और एक ही रास्ता..
नित नेम गुरुवाणी..
दिलाती है..
गुरु की ओट..
मलहम यही है..
अगर लगती है..
जीवन में..
कोई चोट..

नाम राम जप ले..
रे बन्दे..
गर ईश्वर को है पाना..
अंत काल..
वही तेरा..
पक्का है ठिकाना ..
मर कर..
इधर उधर ना भटके..
तेरी आत्मा..
पापो का हो खात्मा..

गुरुवाणी से ही..
मिलेंगे परमात्मा..
मिलेगा तुझे ऐसा वर..
खुद पाओगे..
ईश्वर के दर पर..
गुरुवाणी..
जीवन दाना है..
गुरुवाणी से ही..
ईश्वर को पाना है..

धन दौलत से भी..
बड़ी दौलत है..
गुरुवाणी..
जीवन का खजाना है...
ख़ज़ाना अनमोल ..
मिलेगा तुम्हें..
बिना किसी मोल..
यही गुरु का वरदान है..
जप नाम..
यह आनंद की खदान है..

गुरुवाणी में ही है..
परमानंद..
उसी में रम जा ..
हर पल..
गुरुवाणी गा..
बनोगे तुम..
गुरू के खास..
हर समय होंगे ..
ईश्वर तुम्हारे पास..

गुरुवाणी की..
महिमा अनमोल..
जैसे बन जाये..
मिट्टी से सोना..
गुरुवाणी से..
ईश्वर होगे तुम्हारे..
तुम  ईश्वर के हो ना..
दिन रात..
गुरुनाम जप..
करले गुरु नाम का तप ..

तप तप कर..
बन जा खरा सोना..
सीखो दिन रात..
प्रभु के ख़यालों में खोना..
सदा सदा के लिये..
ईश्वर के हो ना..
यही तो है..
इस जीवन का मकसद..
जो भूल जाते हैं अक्सर..
अब भूलो ना..
गुरु के चरण छू लो ना..
नवाओ अपना शीश..
सदा पाओ..
ईश मिलन की बक्षीस..!!

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कविता की विवेचना: 

गुरुवाणी/Guruwani कविता ईश्वर की आराधना और साधना करने के लिये श्री गुरू ग्रंथ साहिब में दस गुरुओं की वाणी संजोई गई है. 

उस पवित्र वाणी को सुन कर स्वयं पाठ कर ईश्वर को पाया जा सकता है, ईश्वर लगता बहुत नजदीक है,जन्म मरण का राज गुरुवाणी में छिपा है. 

गुरुवाणी में चित लगाकर जन्म मरण से मुक्ति पा लो ईश्वर को हृदय में बसा लो, गुरुवाणी ईश्वर से मिलने का आसान रास्ता है. 

परमानंद गुरुवाणी में रसा बसा है, नित्यनेम प्रभु का जिसने जपा है, ईश्वर के नाम में तपा है,ईश्वर का उसके दिल में वास है, ईश्वर हमेशा उसके पास हैं. 

"गुरुवाणी " एक सच्चा पक्का जरिया है ईश्वर से मिलने का, गुरु का परम आशीर्वाद है गुरुवाणी, गुरू का आशिष पाओ और भव सागर तर जाओ .
मानव जीवन मिला है, कुछ कर जाओ,चौरासी योनियों से छुटकारा पाओ, चौरासी की काट है गुरुवाणी 
प्यारे भक्त की प्यास है गुरुवाणी. 

इति...

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Friday, December 29, 2023

रंगों का जादूगर (Rango ka jadugar)


       
Stanlee Creation 1


Rango ka jadugar
A stanlee Creation 
Image from:Artist Stainlee James



रंगों से खेलना है..
अगर..
चलो "स्टेनली" गॅलरी की..
डगर ..
रंगों का  जादूगर है..
वो..
रंगों से खेल खेल में..
करता है अद्भुत..
शो..

कोरे काग़ज़ पर..
प्रकृति उकेरता..
कभी किसी तस्वीर में..
आत्मा भरता ..
कभी किसी पंछी को..
जिन्दा करता..
उसकी कला की कदर..
इंसान क्या..
हर परिंदा भी करता..

स्वर्ग को..
पृथ्वी पर उतारा है..
ये कौन चित्रकार है..
जिसने भगवान को..
पुकारा है..
ईशू की पुन्हा..
पृथ्वी पर..
आने की तैयारी है..
ऐसी सुंदर चित्रकारी..
तुम्हारी है..

भगवान तस्वीर में..
सजीव हो उठे..
चारो ओर हल चल है..
पशु  पंच्छी में भी..
कोलाहल है..
तुम्हारी चित्रकारी को..
उत्सुकता से निहारते हैं..
ईशा को देख सजीव..
नाम तुम्हारा ..
"स्टेनली" पुकारते  हैं..

क्या पृथ्वी क्या आकाश..
क्या चाँद तारे..
और सूर्य का प्रकाश..
तुम्हारी कूची में..
सब रसा बसा है..
तुमने तस्वीरों को..
इतने आकर्षक ढंग से..
कॅनवास पे कसा है..
तुम्हारा हर चित्र..
हकीकत लगता है..
मन बेचैनी में..
तुम्हारी तस्वीरों में..
विचरता है..

कोरे काग़ज़ के..
और कॅनवास के..
हैं भाग्य जागे..
नतमस्तक हैं ये..
तुम्हारी कूची के आगे..
हर चित्र निर्जीव से..
सजीव हो जाता है..
जो भी तुम्हारी कूची के..
आगे आता है ..
बोलता है हर चित्र..
"स्टेनली" कॅनवास का..
विधाता है..

चित्रों की..
तुम एक नयी दुनिया..
बसा दो..
पृथ्वी वासियों को..
ब्रह्माण्ड की..
शैर करा दो..
सारे देवी देवता..
और अप्सरा परियां..
उतर आये..
तुम्हारी तस्वीरों में..
विचर आये स्वर्ग..
जो लिखा है तक़दीरो में..

"स्टेनली"
तुम्हारी तस्वीरों में..
भरी बहुत आस है..
तुम्हारा हर चित्र..
लगता है..
दिल के बहुत पास है..
ऐसे ही ईश्वर तुम्हें और ..
वर दे..
तुम्हें अपने दिल में..
घर दे ..

तुम और भी..
अद्भुत तस्वीरें बनाओ..  
रंगों और कॅनवास की..
तक़दीरे बनाओ..
तुम्हारी बनाई तस्वीरों का..
कोई जवाब नहीं..
लगती सारी सच है..
कोई ख्वाब नहीं..
ऐसे ही सपनों को..
हकीकत बनाते रहो ..
अनंत काल तक..
तुम रंगों के जादूगर रहो..!!

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Stanlee Creation 1
Painting by Artist Stanlee James
Image from: Artist Stanlee James


        

कविता की विवेचना:

रंगों का जादूगर/Rango ka Jadugar कविता लिखने की प्रेरणा अद्भुत चित्रकार "श्री स्टेनली"  "की 
मनभावन चित्रकारी देख कर, स्वतः ही मन में कविता 
अवतरित हुयी. 

चित्रों में भरा जीवंत भाव मन में घर कर गया, मनमोहक चित्रों को देख अद्भुत सुख और आनंद की अलौकिक अनुभूति हुई. 

चित्रकार को मैं बचपन से जानता हूँ, सालो बाद एक बच्चे को उभरता हुआ चित्रकार पाया, दिल बहुत खुश हुआ अद्भुत सुंदर देख कर. 

हर तस्वीर चित्रकार का स्पर्श पाकर सजीव हो उठी और बहुत कुछ कहती नज़र आई, प्रकृति में निखार आया और हर तस्वीर ने अपना हाल स्वयं बताया. 

"रंगों का जादूगर " कविता "चित्रकार स्टेनली"  को 
लेखक द्वारा अद्भुत प्रतिभा का उपहार है, प्रसंसा से परे 
साधुवाद है, प्रसंसा के लिए शब्द नहीं हैं, चित्रों को देख 
आंखे चौकती हैं, दिल से स्वतः आवाज आती है, बहुत खूब, चमत्कारी अद्भुत. 
          
Rango ka jadugar
Artist Stanlee Creation
Image from:Artist Stanlee James


चित्रकार का परिचय:

                              
Artist stanlee James
Artist:Stanlee James
                


चित्रकार स्टेनली जेम्स की शुरूआती परवरिश और शिक्षा मध्य प्रदेश के पन्ना जिला में हुयी,  स्टेली जी के पूज्य पिता जी हीरा खनन परियोजना मझगाँव खदान में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, 

लेखक ने एक बच्चे के रूप में 
स्टेनली को सालों पहले देखा था, सालों बाद मुलाकात हुई एक प्रतिभाशाली उभरते चित्रकार के रूप में मिल कर मन और दिल प्रफुल्लित हुआ. 

चित्रकार स्टेनली ने स्वयं कठोर अभियास से अपनी चित्रकारी की कला को विकसित किया और चरम ऊंचाईयों तक पहुंचाया और अपने बेटे को भी यह कला सिखाई, और बेटे को फाइन आर्ट की उच्च शिक्षा दिलायी.

लेखक भगवान से स्टेनली और उनके प्रतिभावान बेटे के उज्जवल भविष्य की कामना करता है. इनकी कला सर्वोच्च शिखर तक पहुचे यह ईश्वर से दुवा है. 



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